दुनिया भर में लाखों लोग नशीली दवाओं की समस्या से प्रभावित: डा. हरिनाथ यादव
अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर श्री कृष्णा न्यूरो एण्ड मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी आयोजित
जौनपुर। अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर श्री कृष्णा न्यूरो एण्ड मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ जहां उपस्थित लोगों के बीच न्यूरो सायकियाट्रिस्ट डा. हरिनाथ यादव ने कहा कि हर साल 26 जून को दुनिया भर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य नशीली दवाओं के उपयोग के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जिसमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान, ओवरडोज से होने वाली मौतें और सामाजिक समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में लाखों लोग नशीली दवाओं की समस्या से प्रभावित हैं जिसका असर लोगों और समुदायों दोनों पर पड़ता है। समाज, अर्थव्यवस्था और मानव स्वास्थ्य पर नशीली दवाओं के उपयोग के प्रभावों को देखते हुए 26 जून को मनाया जाने वाला विश्व नशीली दवा दिवस, विज्ञान, मानवाधिकार, करुणा और ज्ञान पर आधारित साक्ष्य-आधारित नीतियों की जरूरतों पर जोर देता है। डा. यादव ने बताया कि रोकथाम और उपचार को सहयोग और प्राथमिकता देने के माध्यम से हम नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मुकाबला कर सकते हैं और लोगों को खुशहाल, स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय के अनुसार इस साल विश्व मादक पदार्थ दिवस के तहत निम्नलिखित का आह्वान किया गया है। जागरूकता बढ़ाने के बारे में कहा कि साक्ष्य-आधारित रोकथाम रणनीतियों के असर के बारे में समझ बढ़ाना। नशीली दवाओं के उपयोग से होने वाले नुकसान को कम करने पर जोर देना। सरकारों, नीति निर्माताओं और कानूनी पेशेवरों द्वारा रोकथाम के प्रयासों में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करना, शुरुआती हस्तक्षेप और रोकथाम के लंबे समय में होने वाले फायदों पर प्रकाश डालना है। लोगों को सशक्त बनाना। साक्ष्य-आधारित रोकथाम संबंधी पहलों को लागू करना और समाधानों को बढ़ावा देने के लिए समुदायों को सक्षम बनाना। संवाद और सहयोग को सुविधाजनक बनाना। रोकथाम प्रथाओं और नीतियों को बढ़ाने के लिए सहयोग को बढ़ावा देना। वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित नशीली दवाओं की नीतियों की वकालत करना। समुदायों को शामिल करना। नशीली दवाओं की रोकथाम कार्यक्रमों में सामुदायिक भागीदारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना। युवाओं को सशक्त बनाना। युवाओं को नशीली दवाओं की रोकथाम संबंधी पहलों की वकालत करने के लिए उपकरण प्रदान करना। अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना। मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है। यूएएन द्वारा हर साल जारी की जाने वाली विश्व ड्रग रिपोर्ट में महत्वपूर्ण तथ्य और आंकड़े शामिल हैं जो कठोर शोध, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधिकारिक स्रोतों पर आधारित हैं। संगोष्ठी में प्रतिमा यादव, लालाजी यादव, डॉ सुशील यादव, रवि, आशुतोष सिंह, शिव बहादुर यादव, सूरज यादव सहित हॉस्पिटल के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।