कन्या भोज के साथ नवरात्र का समापन
जौनपुर। मां भगवती की साधना का पर्व नवरात्र नवमी के साथ ही संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने नवमी पर मां के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। नवमी पर भी घर-घर कन्याओं का पूजन कर उपहार व दक्षिणा भेंट की गई।
बुधवार को नवरात्र का अंतिम दिन होने के मंदिर आदि सिद्धपीठों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। नवमी के चलते घर-घर कन्या भी पूजी गई। घर में कन्याओं का अभिनंदन कर पूजा-अर्चना की गई। कन्याओं का तिलक कर भोजन ग्रहण करवाने के बाद चुनरी व वस्त्र भेंट किए।
श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुसार कन्याओं को दक्षिणा दी। कन्या जिमाई के बाद घट विसर्जन हुआ। कई मंदिरों और आश्रमों में भी चल अनुष्ठानों की पूर्णाहुति हुई। देवी मंदिर में शतचंडी पाठ का समापन यज्ञ व भंडारे के साथ किया।
ज्ञात हो कि छोटी लड़कियों को पृथ्वी पर देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है. पूरे ब्रह्मांड में बच्चों को इंसानों का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है, इसलिए लोग कन्याओं के रूप में देवी मां का पूजन करते हैं. देवी भागवत पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि लड़कियों की पूजा करने से भक्तों को उनकी पूजा का वास्तविक फल प्राप्त होता है, विशेष रूप से 9 दिन तक व्रत रखने वालों को नवरात्रि के अंत में कन्याओं की पूजा अवश्य करना चाहिए।