पावन बिजेथुआ धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाबमारूति नन्दन की जयकारों से गुंजायमान हो उठा मन्दिर परिसर
सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र की सीमा पर सुलतानपुर जनपद में स्थित पारम्परिक मान्यताओं की पृष्ठभूमि को जीवंत रूप प्रदान करने वाला पावन विजेथुआ धाम मंगल मारूति नन्दन बजरंग बली के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। श्रद्धा भक्ति एवं प्रेम से आप्लावित भक्तजन भारी संख्या में लोग हनुमान जी के दर्शन पूजन हेतु एकत्र हुये। वैसे तो पावन धाम की महिमा के अनुरूप वर्ष पर्यंत मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में भक्तजन यहां दर्शन पूजन हेतु आते हैं और मनोवांछित सिद्धि प्राप्त करते हैं। प्रतिवर्ष नागपंचमी पर्व के उपरांत आने वाला मंगलवार बड़का मंगल के नाम से विख्यात है। इस दिन दूर—दराज से भारी संख्या में भक्तजन यहां पहुंचते हैं। धार्मिक कथाओं के संदर्भ में ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में लंका विजय के समय लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध में जब इंद्रजीत वीरघातिनी शक्ति का संधान करके लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है और शेषावतार लक्ष्मण के प्राण संकट में पड़ गये। तब लंका के राजवैद्य सुखेन द्वारा बताए गए उपचार के अनुसार लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा हेतु अंजनी पुत्र हनुमान संजीवनी लाने के लिए जाते हैं तो लंकाधिपति रावण के आदेश से कालनेमि इसी पावन स्थल पर बजरंग बली को रोकने की माया रचता है- अस कहि चला रचिसि मग माया। सर मंदिर बर बाग बनाया।। मारूत सुत देखा शुभ आश्रम। मुनिहिं बूझि जल पियउं जाइ श्रम।। कालनेमि की माया के चक्रव्यूह में फंसकर पावन धाम में स्थित मकड़ी कुंड में जैसे ही हनुमान जी अपनी प्यास बुझाने पहुंचते हैं। सरोवर में स्थित श्रापित मकड़ी व्याकुल हो जाती है। हनुमान जी को कालनेमि की माया का ज्ञान कराती हुई कहती है- कपि तव दरस भयउ निष्पापा। मिटा तात मुनिबर कर श्रापा।। मुनि न होइ यह निशचर घोरा। मानहुँ सत्य वचन कपि मोरा।। इस प्रकार मकड़ी के वचनों को सुनकर पवनसुत मायावी कालनेमि की माया जान जाते हैं और उनका का संहार करते हैं। संजीवनी औषधि लाकर लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा करते हैं। उसी अनुक्रम में इस पावन स्थल पर प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को भक्तजन भारी संख्या में दर्शन पूजन हेतु यहां आते हैं। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। मेला क्षेत्र से पहले ही सभी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है तथा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सीमा से लगे रहने के कारण थानाध्यक्ष अरविन्द सिंह के निर्देशन में स्थानीय पुलिस भी सक्रियता से चौकसी बनानायी हुई रही।