विधि—विधान से पूजे गये कलम दवात के देवता
जौनपुर। ब्रह्म की काया से उत्पन्न होने के कारण ही हम सबको कायस्थ कहा जाता है। भगवान चित्रगुप्त समस्त सृष्टि के लेखाकार है। उनके पास सभी के कर्मों का लेखा जोखा रहता है। उपरोक्त बातें यम द्वितीया के दिन भगवान चित्रगुप्त के पूजन अवसर पर राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के जिलाध्यक्ष दयाशंकर निगम ने कही। इसी क्रम में कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रसेन श्रीवास्तव ने कहा कि चित्रगुप्त हमारे भगवान हैं। प्रत्येक कायस्थ को चाहिए कि उनकी प्रतिमा अपने घर के पूजा घर में जरूर रखे। कायस्थ महासभा के संरक्षक आनंद मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि चित्रगुप्त के 12 संतानों के नाम से हमारी 12 जातियां हैं लेकिन समय की मांग है कि हम बारहों से रोटी बेटी का रिश्ता रखे और समाज में एकता कायम रखे।राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच जौनपुर इकाई द्वारा मां शीतला चौकियां के आंगन में भगवान चित्रगुप्त का पूजन हुआ जहां हरिहर मिश्र के नेतृत्व में यजमान संजय अस्थाना ने पत्नी वंदना के साथ पूजन कार्य संपन्न कराया। हवन आरती के बाद उपस्थिति स्वजातीय बंधुओं से कलम दवात की पूजा कर भगवान का नाम लिखकर पुन कलम का संचालन प्रारंभ किया। तत्पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया।इस अवसर पर जय आनन्द, सरोज श्रीवास्तव, शशि श्रीवास्तव गुड्डू, राजेश श्रीवास्तव बच्चा, श्याम रतन श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, मयंक नारायण, शरद चंद श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, प्रमोद दादा, नीलमणि श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, दिव्यांशु संजय, अमित निगम, संतोष श्रीवास्तव, विनोद निगम, राजेश श्रीवास्तव सहित तमाम स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्म कुमार निगम ने किया।