57वें महाराष्ट्र निरंकारी सन्त समागम का भव्य हुआ शुभारम्भ
जौनपुर। “जीवन में जब परमात्मा का बोध हो जाता है तब आत्मा और परमात्मा के मिलन से एकत्व स्थापित होता है। फिर जीवन में मानवीय गुणों का आना स्वाभाविक हो जाता है।” महाराष्ट्र के 57वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशों को बताते हुए स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने कहा कि इस 3 दिवसीय भव्य सन्त समागम में महाराष्ट्र के कोने—कोने सहित देश—विदेश से लाखों निरंकारी भक्त एवं अन्य प्रभुप्रेमी शामिल हुये हैं। श्री जायसवाल ने बताया कि पहले दिन के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सऱ संघचालक डॉ. मोहन भागवत भी पधारे। श्री भागवत ने सतगुरू माता जी व निरंकारी राजपिता जी से भेंट कर सभी निरंकारी भक्तों को सत्यरूपी परमात्मा व अपने सतगुरू पर निष्ठा व विश्वास रखने की प्रेरणा दी।