जुलूस व ताजिए निकाल कर मनाया मोहर्रम, मातम में सभी लोग हुए शामिल
संवाददाता -नीरज गुप्ता
बीजपुर। बीजपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को मोहर्रम के अवसर पर जुलूस और ताजिए निकाले गए। बीजपुर , राजों, खमरिया, लीलाडेवा, पिंडारी सहित अन्य इलाकों में ताजिया जुलूस निकाला गया।इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लाठी बाजी की व मातम मनाते हुए ताजिए को स्वागत द्वार तक लेकर गए। इस अवसर पर हिन्दू व मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिए के साथ रहे। जगह-जगह प्रसाद का आयोजन भी किया गया। इस दौरान लोगों ने दुआएं मांगी।
ताजिया नूरिया मोहल्ले से होते, श्री राम चौक से गैराज व स्वागत द्वार एनटीपीसी से कर्बला में समापन हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन को शहीद करने के बाद उनकी लाश के सिर को एक नेजे पर रखकर कर्बला के मैदान से दमिश्क की तरफ यजीद को भेजा गया था। पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को भूखा व प्यासा रख कर शहीद किया गया था। यजीद ने विरासत पाने की खातिर इस्लाम के उसूलों को मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इमाम हुसैन ने अपनी शहादत देकर इस्लाम के उसूलों को जिंदा रखा। कर्बला की लड़ाई हकीकत में सच और झूठ की लड़ाई थी।
यह मानवता, लोकतंत्र और समानता की लड़ाई थी। इस्लाम को मानने वाले बहुसंख्यक लोग मोहम्मद साहब के नवासे, अली के बेटे और फातिमा के जिगर के टुकड़े इमाम हुसैन के साथ थे। अय्याश और जालिम बादशाह यजीद ने कबिले , फाजी व माली ताकत के बल पर बादशाहत हासिल की थी। जनता अय्याश व जालिम को अपना बादशाह मानने को तैयार नहीं थी। इमाम हुसैन की शहादत हुई। यह शहादत केवल इस्लाम की नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए थी। हर कौम जो इंसाफ, लोकतंत्र व समानता के उसूलों को चाहती है, उसके लिए कुर्बानी थी।
वही सुरक्षा के मद्देनजर में स्पेक्टर क्राइम ब्रांच अशोक यादव, एसआई विनोद यादव के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही।
इस मौके पर गुलशने रजा कमेटी बीजपुर के सदर हाजी खलील, निसार अहमद,मिरहसन, मुमताज, मुख्तार अंसारी, मंसूर आलम,रियाजउद्दीन,अजमत,
रहमत, इरशाद, अलाउद्दीन अंसारी, मुस्तकीम,नसीम अख्तर,गोल्डन,मंजुर,अफसरा मास्टर,आलम, जुनैद, इजहार के साथ काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।